इस पुस्तक के प्रथम अध्याय में भारत छोड़ो आंदोलन में क्रांतिकारी महिलाओं का योगदान से संबंधित है, दूसरे अध्याय में भारत सरकार के द्वारा विशेष या दिव्यांग वाली बालिकाओं के लिए समावेशी शिक्षा से संबंधित है, तृतीय अध्याय में वर्तमान भारतीय समाज में सशक्त महिलाओं के योगदान की भूमिका का वर्णन है, चतुर्थ अध्याय में जिन क्रांतिकारी महिलाओं ने समाज सुधार कार्य किए और वर्तमान स्वरूप में राजनीतिक क्षेत्र में भी अपना महान योगदान दिया, पांचवें अध्याय में राजस्थान की धरा पर आजादी से पूर्व और आजादी के बाद जिन महान महिलाओं ने यहां पर सामाजिक कार्य किए और अपने राष्ट्र के प्रति अपने आप को समर्पित किया आदि का वर्णन है, अध्याय 6 में जब देश आजाद हो रहा था महिलाओं को एक तरफ प्रताड़ित किया जा रहा था उनको समाज में जोड़ने के लिए डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने महिलाओं के अधिकारों और समाज में उच्च शिखर पर लाने के लिए कई संवैधानिक प्रावधान जोड़ें आदि का वर्णन है।
डॉ. ओम सिंह एक प्रख्यात समाजशास्त्री, राजनीतिज्ञ, लेखक, सामाजिक समरसता के धनी हैं, जो महिला सशक्तिकरण को और अधिक सशक्त बनाने के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय, उदयपुर से समाजशास्त्र में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है। महिला सशक्तिकरण के कार्यों के लिए समय-समय पर अनेक संस्थाओं द्वारा डॉ. ओम सिंह को सम्मानित किया गया, जो महिला उत्थान को सुदृढ़ बनाने में अपनी भूमिका निभाते रहे हैं। उन्होंने लिंग अध्ययन, महिला शिक्षा, बाल अधिकार, महिला सशक्तिकरण, महिला किसान, महिला अधिकार और स्थिरता जैसे क्षेत्रों में शोध किया है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के मोतीलाल नेहरू कॉलेज (सांध्य) से राजनीति विज्ञान (ऑनर्स) में स्नातक और राजस्थान विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की है। यद्यपि वे शोध के क्षेत्र में नए हैं, लेकिन पिछले पांच वर्षों में उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों और संगोष्ठियों में शोध पत्र प्रस्तुत किए हैं। उन्होंने यूजीसी सूचीबद्ध पत्रिकाओं और अन्य अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में विभिन्न शोध पत्रों को सफलतापूर्वक प्रकाशित किया है।